ش | ی | د | س | چ | پ | ج |
1 | 2 | 3 | ||||
4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 |
11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 |
18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 |
25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 |
این شعر دربارۀ موج علاقۀ عمومی به مدرک دکتری است.
خاک ایران یکسر از دکتر پر است
هر که دکتر نیست نانش آجر است
ملک ایران سرزمین دکتران
این قدر دکتر نباشد در جهان